हमारे नेता के रूप में
यदि किसी को भी
चिन्हित कर दिया जाए।
तो नेता मानना ही पड़ेगा।
कई बार वह आलू जैसे हो सकते हैं।
कई बार लाल मिर्च जैसे।
और कई बार ऐसे भी हो सकते हैं।
जिन्हें आप बिल्कुल पसंद नहीं करते।
फिर भी वह नेता हैं ।
और उनका एक दल है।
उस दल की विचारधारा है।
विचारधारा की जगह
बहुत गड़बड़झाला है।
गड़बड़झाला में बहुत बड़ा
बवाला है।
जहां मेरे देश का नहीं।
खास किस्म के लोगों के लिए,
नेताजी की चिंता है।
बाकी लोगों के लिए वह केवल नेता है।
इन सब का जवाब कौन देगा।
यदि किसी को भी
चिन्हित कर दिया जाए।
तो नेता मानना ही पड़ेगा।
कई बार वह आलू जैसे हो सकते हैं।
कई बार लाल मिर्च जैसे।
और कई बार ऐसे भी हो सकते हैं।
जिन्हें आप बिल्कुल पसंद नहीं करते।
फिर भी वह नेता हैं ।
और उनका एक दल है।
उस दल की विचारधारा है।
विचारधारा की जगह
बहुत गड़बड़झाला है।
गड़बड़झाला में बहुत बड़ा
बवाला है।
जहां मेरे देश का नहीं।
खास किस्म के लोगों के लिए,
नेताजी की चिंता है।
बाकी लोगों के लिए वह केवल नेता है।
इन सब का जवाब कौन देगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें