सोमवार, 17 अप्रैल 2023

भूकंप बताकर नहीं आता!





भूकंप बताकर नहीं आता! आपदा में अवसर तलाशा जाय ! जब भूकंप बनाकर लाया जाता है! क्रूरता में करूणा के रास्ते ! जिसका साक्षात दर्शन होता हैं। अपनी ही बात की आड़ में ! कारण तलाश लिऐ जायें ! हिंसा को कानूनी जामा पहनाने के लिए ! न्याय को ठेंगा दिखाया जाऐ ! सजा दो किसको दोगे। दोषी कौन हुआ तय करो ? ललकार कर शासक तुम्हें। मिट्टी में मिला ही दिया ! पीठ अपनी थपथपा रहा है ! न्याय का अन्याय से ! अपराध मिटाने वाला ही जब नफ़रत से पगा हुआ ! जहर जो बो रहा है वह उसका असर कैसा होगा ! फसल आयेगी अगर ! घर घर में उठेंगे बुलबुले ! सत्य हारेगा तभी तो ! जीतेगा तेरा तालिबानी हौसला ! -डॉ लाल रत्नाकर

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