उम्मीद की हर किरण
एक संदेश लेकर आती है
इस संदेश को ठीक से
पढ़ना अगर आता है तुम्हें!
तब याद रखना वह हर भरोसा !
जो तुमने किया है या दिया है!
जिंदा रहेगा और उसमें
प्राण भी होगा भविष्य निर्माण का !
यदि तुम्हारे भरोसे में धोखा हुआ तो !
क्या समझते हो तुम तुम बच जाओगे !
झूठ नफरत और तिकड़म की चाल से।
मत भूलो हर वक्त झूठ से नहीं चलता।
चलता है !
सत्य और श्रम की ईमानदार उर्जा से।
समझ लो यह निश्चित है कि !
सत्यानाश तो तुम्हारा भी होगा।
यह तय है ! इससे बच नहीं पाओगे !
कितना भी भागो, कितना भी भागो !
सच से !
- डॉ लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें