रविवार, 11 जून 2023

हमने खेती की है ? नफरती फसल उगाने की।

 


हमने खेती की है ?
नफरती फसल उगाने की।
हर तरह के बिरवे रोपे हैं।
विष के विविध बेल उगाने की,
इस कला में निपुण हो गया हूं।
जहरीला, मीठा, कडवा स्वाद।
सबको अमृत फल कहा है ?
भक्त बनाने में शोध किया है।
इसी तरह का उपक्रम लगाने में।
एक नहीं अनेक स्टार्टप दिया है।
तुम्हारी अक्ल को कुंद बनाया।
उस जगह पर गोबर भरकर।
लहलहा सके विषैली फसल।
कुल कुनबे सबमें वही प्रसाद।
प्रमाद बने, अभिशाप बने,
मध्ययुगीन ऐसा पाठ पढ़ाया है।
पाठ्यक्रमों में भी यही सब।
पैकेज के रूप में दिया है।
आधुनिक भारत बनाने के लिए।
जरूरी है पिछला इरेज करना।
नई गुलामी के लिए इतिहास से।
पुरानी गुलामी के पाठ हटाना।
तुम्हें वैश्विक भी बनाना है।
जिससे पूरी दुनिया में स्व उपज।
का बाजार बन सके।
ऐसे व्यापारियों को दूसरे देश में।
यहां से भेज कर बसाना है।

-डॉ लाल रत्नाकर

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