आसान नहीं है
उसको समझना
जितना आसान है
सच को मसलना।
इतना आसान नहीं है
झूठ से भिड़ना यदि झूठ
इतना ताकतवर है।
तो सच निरीह ही हो जाएगा।
युग और युगांतर तय करता है
चाल चलन की पद्धतियां।
वही इतिहास में दर्ज हो जाता है।
जब इतिहास बदलने वाले
अपना इतिहास !
लिखने की तमन्ना रखते हो।
उन्हें कौन बताए इतिहास
सच का ही होता है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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