शनिवार, 31 अगस्त 2024

जो हमारे बीच के बौने लोग


तुम्हें देखा तो यह याद आया 
विकास कहां गया है 
विनाश को छोड़कर ।
तुम्हारी नीति तुम्हारी रिति
मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती
शिवा नफरत के नंगे नाच के।

जो हमारे बीच के बौने लोग 
बहुत बेशर्मी से जारी रखे हुए 
दिन प्रतिदिन उसी में उलझे हुए हैं।
उनको बचाने की भी 
हम प्रार्थना करते हैं।
प्रार्थना करते हैं देश बचाने का 
संविधान को सुरक्षित रखने का। 
पाखंड और अंधविश्वास हटाने का 
चमत्कार से आपको कैद करने का 
विज्ञान को आगे बढ़ने का। 

आईए मेरे साथ 
मेरे मिशन को आगे बढ़ाने में 
अपने हाथों को शामिल करिए। 
सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के खिलाफ। 
मजबूती से खड़े होईए।
समाज को वैचारिक 
और वैज्ञानिक सोच का बनाने के लिए।
खड़े होईए मजबूती से।

-डॉ लाल रत्नाकर

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