नजर अंदाज मत करना
जमीं जन्नत नहीं होती,
सबर करना खबर करना,
जिंदगी अमर नहीं होती,
निति नियति सब यहीं
रह जाती है मौत आने पर।
लेकर यहां से क्या जाओगे,
सोचा तुमने, समझा तुमने।
ठगने की आदत अद्यतन।
प्यार और त्याग से ऊपर नहीं होती।
त्याग से अनुराग से
सदियों सदियों तक पहचान बनती है,
देवता बनने से मनुष्यता नहीं बचती।
उसे भगवान मत समझना।
मनुष्य बन जाने से देवत्व आ जाता है।
नजर अंदाज मत करना।
सच को सच की तरह समझना।
-डॉ लाल रत्नाकर
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