असत्य की अखंड घड़ी तक
इंतजार करेंगे अपनी बारी का !
हम जानते हैं मेरी बारी आने से पहले
वह कपाट बंद कर देगा।
यह कैसे कह सकते हैं बताइए।
बताना क्या है !
कोई पहली बार नहीं।
यह तो आमतौर पर उसके कारनामे है।
कई हजार वर्षों से यही हो रहा है।
शायद आगे भी यही होता रहेगा।
हम लाइन में होंगे !
और कपाट बंद हो जाएंगे।
शिक्षा के, स्वास्थ्य के, आर्थिक सुधार के,
न्याय और रक्षा के।
असत्य की अखंड घड़ी तक
इंतजार करेंगे अपनी बारी का
हम जानते हैं मेरी बारी आने से पहले
वह कपाट बंद कर देगा जानकर।
हम जानते हैं इसका उपाय।
बहुत सीधा सा है
जिसे करना नहीं चाहता।
जिसको हम नेता कहते हैं।
न जाने क्यों डरता है!
जब आम आदमी।
नहीं डरता और उसके साथ रहता है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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