आप रिसर्च कर लो
मानवता के मूल्य पर बहस कर लो ।
समाज विज्ञान पर काम कर लो।
उसके हित पर संधान कर लो।
पर !
समाज में वह व्यक्ति तुम्हें खारिज कर देगा
जिसकी प्रवृत्ति नियति और प्रणाली
समाज विरोधी है संस्कृति विरोधी है,
विकास विरोधी है।
क्योंकि !
वह स्वार्थी है
लोभी और लालची है
समग्र विकास का दुश्मन है।
बात करता है कल्याण का।
काम करता है स्वार्थ का।
रात दिन लगा रहता है,
विनाश की प्रक्रिया में।
एक काम उसका बता दो
जो समाज उपयोगी हो।
जरूरतमंद के हित में हो।
प्राकृतिक हो।
सांस्कृतिक हो !
वो जो
सारे साम्राज्य पर काबिज है।
-डॉ लाल रत्नाकर
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