असंख्य लोग शिक्षित हुए।
जो मैकाले को गाली दे रहे हैं ?
वह सहज नहीं है उन्हें गुस्सा है।
उनका गुस्सा वाजिब भी है।
क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि
लोग शिक्षित हों !
यह वही लोग हैं जो मनुस्मृति को
मानते हैं ।
मनुस्मृति का मनुवाद
कितना खतरनाक है!
क्या आप जानते हैं?
यदि नहीं जानते हैं तो!
वर्तमान सत्ता को
समझने की कोशिश करिए।
फिर शिक्षा पर बात करिये !
अन्यथा सब बेमानी है !
जो मैकाले को गाली दे रहे हैं ?
वह सहज नहीं है उन्हें गुस्सा है।
उनका गुस्सा वाजिब भी है।
क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि
लोग शिक्षित हों !
यह वही लोग हैं जो मनुस्मृति को
मानते हैं ।
मनुस्मृति का मनुवाद
कितना खतरनाक है!
क्या आप जानते हैं?
यदि नहीं जानते हैं तो!
वर्तमान सत्ता को
समझने की कोशिश करिए।
फिर शिक्षा पर बात करिये !
अन्यथा सब बेमानी है !
-डा.लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें