मंगलवार, 16 दिसंबर 2025

आज के समय में जिस तरह के संकट खड़े किए जा रहे हैं।


आज के समय में 
जिस तरह के संकट 
खड़े किए जा रहे हैं। 
उन्हें संकट की बजाय, 
उपकार बताया जा रहा है। 
नौकरी लेकर लाभार्थी 
बनाया जा रहा है।
लाभार्थी को तरह-तरह से 
फुसलाया जा रहा है।
संविधान मिटाने के लिए। 
निष्पक्ष चुनाव कराने की बजाय। 
उनका वोट -
₹10000 में खरीदा जा रहा है। 
चुनाव आयोग समाप्त हो जाए। 
इसके लिए चुनाव आयुक्त 
पूरी तरह से आमादा है। 
ऐसा लगता है !
जैसे सरकार का प्यादा है।
यह लड़ाई केवल धर्म की नहीं है। 
धर्म की कम जातियों की ज्यादा है। 
यह देश की मर्यादा के खिलाफ है। 
पर इसको चलाने वाले !
अपने को देशभक्त कहते हैं। 
लड़ने की ताकत नहीं है। 
पर सत्ता में बने रहते हैं।
जो लोग सत्ता में  हैं !
वह क्यों सत्ता में हैं !
उन्हें नहीं पता वह किसके साथ हैं !


-डॉ लाल रत्नाकर

कोई टिप्पणी नहीं: